वर्तमान भोजपुर जिला 1992 के बक्सर के विभाजन के बाद अस्तित्व में आया। इससे पहले यह पुराने शाहाबाद जिले का हिस्सा था जिसे 1972 में दो भागों अर्थात् भोजपुर और रोहतास में बंट दिया गया।
भोजपुर जिले का एक पुराना और दिलचस्प इतिहास है। शाहाबाद के 1961 की जनगणना रिपोर्ट में आरा के इतिहास के बारे में वर्णन है की आरा शब्द संस्कृत के आरण्य शब्द से आया है, जिसका आर्थ होता है जंगल। वर्तमान आरा के पूरे क्षेत्र में पुराने और घने जंगल हुआ करता था।पौराणिक कथाओं के अनुसार श्री राम के गुरू ऋषि विश्वामित्र का आश्रम भी इसी क्षेत्र में था।
पुराने दिनों में शाहाबाद जिला मगध साम्राज्य का हिसा था जो वर्तमान गया और पटना जिलों के कुछ हिसों को मिला कर बनाया गया था. यह जिला मगध साम्राज्य का हिसा था फिर भी यहाँ पर बौद्ध धर्म का प्रभाव बिलकुल ही नहीं था और अभी भी बौद्ध धर्म के अनुवाई बहुत ही कम हैं।
शाहाबाद क्षेत्र पर करीब 1530 के लगभग मुगलों के प्रथम शासक बाबरद्वारा कब्ज़ा कर लिया। भोजपुर के राजाओं ने मुगलों का बहुत बिद्रोह किया । शाहजहाँ द्वारा भोजपुर के राजकुमार राजाप्रताप को मारने के बाद यहाँ के रानी को एक मुस्लिम दरबारी से जबरजस्ती शादी करा दि गई और भोजपुर का राज्यबंश समाप्त हो गया.
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