भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री की शुरुआत 1962 में पहली भोजपुरी फिल्म "गंगा मैया तोहे पियरी चढैबो" से हुई और यह संभव हुआ जब भारत के प्रथम राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद सिहं जी ने 1960 के दशक में बॉलीवुड अभिनेता नजीर हुसैन से मुलाकात की और भोजपुरी सिनेमा बनाने के लिए कहा और यहीं से भोजपुरी सिनेमा के इतिहास की शुरुआत हुई। "गंगा मैया तोहे पियरी चढैबो" फिल्म निर्मल पिक्चर्स के बैनर तले, विश्वनाथ प्रसादशाहाबादी द्वारा प्रोदुयूस और कुंदन कुमार द्वारा निर्देशित किया गया है।
इसके बाद भोजुरी के कुछ और फिल्मे बनी जो जबरदस्त सफल हुईं जिनमे प्रमुख हैं : "बिदेसिया(1963)", और "गंगा(1965)". परन्तु अगले दो दशकों में इस फिल्म इंडस्ट्री में कुछ खास नहीं हुआ और ऐसा लगने लगा की भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री का अंत हो जायेगा। परन्तु 1980 के दशक में फिर से भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री जिंदा हो गई और अनेको फिल्मे बनी और सफल भी हुईं। पर ये बहुत दिनों तक नहीं चला और 1990 के दशक तक फिर से एक बार यहाँ मंदी आ गई।
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